प्रेम चन्द्र शर्मा
विधान भवन,
लखनऊ अगस्त १०, १६७१
मैंने अपने हाथरस दौरे के दर्मियान श्री मोहता
रसायनशाला का निरीक्षण किया । संस्था
आयुर्वेद तथा विज्ञान के स्नातकों की देखरेख में
आधुनिक यन्त्रों द्वारा औषधियों का निर्माण
करती है जिनका राजकीय विभागों एवं जनता में
चलन और ख्याति है।
अनेक आयुर्वेद के विव्दानों ने भी संस्था
की प्रशंसा की है तथा मैं भी हृदय से संस्था की सफलता
की कामना करता हूं।